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Key Learnings:Basics of Stock MarketFinancial Market

अब चलिए समझते हैं कि इसका क्या अर्थ है।
अप्रैल 2018 के पहले, यदि हम किसी स्टॉक को 12 महीने से ज्यादा होल्ड करते थे और उसके बाद यूज़ बेच देते थे, जिसका टेक्निकली अर्थ यह है कि हम यूज़ 1 वर्ष के लिए होल्ड करते थे, तो भुगतान योग्य टैक्स शुन्य (nil) था।
लेकिन अप्रैल 2018 के बाद बजट में यह सुनिश्चित किया गया था कि अब 12 महीने से ज्यादा की होल्डिंग को भले ही 3 या 4 वर्षों बाद बेचा जाता है तो यह फ्लैट 10% का एक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को आकर्षित करेगा।
अब चलिए समझते हैं कि इसके अंतर्गत कितना फ्री है और कितना टैक्सेबल है।
तो यदि आप अपनी होल्डिंग में एक लाख रूपये से कम प्रॉफिट के रूप में कमाते है तो यह टैक्स फ्री होगा भले ही आप इसे एक वर्ष बाद या दो वर्ष बाद या इससे ज्यादा समय के बाद बेचते हैं।
तो चलिए इसे एक केस स्टडी के माध्यम से समझते हैं, मान लीजिये कि आपने मई 2018 में एक शेयर में 1 लाख रूपये निवेश किये जिसकी कीमत 1000 रूपये थी इसीलिए आपको उस कंपनी के 100 शेयर मिले।
अब आपने एक वर्ष के बाद, अर्थात अप्रैल 2019 पर, उस शेयर को 1700 की कीमत पर बेच दिया। तो आपके द्वारा कमाया गया प्रॉफिट होगा 1700 रूपये – 1000 रूपये = 700 रूपये प्रति शेयर।
अब आपके पास 100 शेयर है तो आपके द्वारा कमाया गया प्रॉफिट 700 रूपये * 100 शेयर अर्थात 70,000 रूपये होगा, जो कि 1 लाख रूपये से कम है। तो इस केस में आपका LTCG (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) nil होगा। इसीलिए आपको कोई टैक्स का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।
लेकिन मान लीजिये कि शेयर की कीमतें 2020 रूपये हो जाती है और फिर आप इसे 2 वर्ष बाद जो कि अप्रैल 2020 या जनवरी 2020 में बेच भी देते हैं, फिर आपका प्रति शेयर प्रॉफिट 2020 रूपये – 1000 रूपये = 1020 रूपये होगा।
अब चूँकि आपके पास 100 शेयर है तो 100 * 1020 = 1,02,000
इस प्रकार अब आपको केवल इस 2000 रूपये के प्रॉफिट का 10% टैक्स का भुगतान करना होगा क्योंकि एक लाख तक का प्रॉफिट टैक्स फ्री है।
इस प्रकार किसी भी निवेश का टोटल जिसे आप एक वर्ष के बाद बेच देते हैं उसे प्रॉफिट में एक लाख से ज्यादा नहीं होना चाहिए। यदि यह एक लाख से ऊपर होता है तो आपको केवल एक लाख का प्रॉफिट निकालने के बाद जो भी अतिरिक्त प्रॉफिट बचता है, उसका टैक्स का भुगतान करना होगा।
चलिए हम यह भी समझते हैं कि यह अन्य म्यूचुअल फंड के साथ किस प्रकार कार्य करेगा।
मान लीजिये कि आपने आज 3 लाख रूपये का कार्पस का निवेश किया है। एक वर्ष के बाद, आपके निवेश की नेट कीमत 5 लाख रूपये हो जाता है अर्थात 2 लाख रूपये का प्रॉफिट।
ऐसे मामलों में, आपको केवल 1 लाख रूपये पर 10% टैक्स का भुगतान करना होगा क्योंकि अन्य 1 लाख की इनकम पर छूट है।
इसका मतलब है कि 3 लाख आपके निवेश के रूप में, 1 लाख रूपये आपको अनुमति प्राप्त प्रॉफिट के रूप में और केवल 1 लाख रूपये पर आपको 10% टैक्स का भुगतान करना होगा।
अब यह टैक्स केवल तब ही बदल सकता है जब आपके I.T असेसमेंट के लिए आपका टैक्स ब्रैकेट 10% से ऊपर हो।
अच्छी लॉन्ग टर्म स्टोरीज में निवेश करें जो आपके लिए धन उत्पन्न कर सकें।
ताकि यदि आपको टैक्स का भुगतान करना पड़े तो भी यह आपको ज्यादा प्रभावित नहीं कर सके क्योंकि अन्य 90% अभी भी आपके पास है।
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पावर ऑफ़ कम्पाउंडिंग
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Chapter 1
पावर ऑफ़ कम्पाउंडिंग क्या होता है?
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Chapter 2
स्टॉक ट्रेडिंग और स्टॉक इन्वेस्टिंग के बीच अंतर क्या है?
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लॉन्ग या शॉर्ट
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Chapter 3
लॉन्ग या शॉर्ट जाने का स्टॉक मार्किट में क्या मतलब है?
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इंडेक्सेशन क्या होता है
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Chapter 4
इंडेक्सेशन क्या होता है?
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शार्ट टर्म कैपिटल गेन
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Chapter 5
शार्ट टर्म कैपिटल गेन क्या होता है?
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लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन
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Chapter 6
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन क्या होता है?
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वैल्थ क्रिएशन का महत्व
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Chapter 7
वैल्थ क्रिएशन का महत्व