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Key Learnings:Basics of Stock MarketFinancial Market
Chapter 2
प्रॉफिट एंड लोस्स स्टेटमेंट और बैलेंस शीट में क्या अंतर है?

फाइनल रिजल्ट या वार्षिक रिजल्ट हमें हमारे सभी सेमेस्टर प्रयासों के परिणामों को एक साथ दर्शाता है, जिसकी हम एक बैलेंस शीट से तुलना कर सकते हैं। तो, बिल्कुल हमारी त्रेमासिक परीक्षाओं के रिजल्ट की तरह, प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट, जो प्रत्येक तिमाही में आते हैं, हम यह ट्रैक कर सकते हैं कि कंपनी को सुधार पर अधिक ध्यान कहाँ केंद्रित करना चाहिए। और बैलेंस शीट हमें यह दिखाती है कि उनके द्वारा किये गए सुधार के लिए प्रयास कैसे थे। तो, यहीं वह जगह है जहाँ अंतर होता है ।
अब, इससे पहले कि हम अंतर को आगे समझें, आपको हम पहले बता दें कि दोनों, प्रोफिट और लॉस स्टेटमेंट, और बैलेंस शीट, फाइनेंसियल स्टेटमेंट होते हैं जो कंपनी की फाइनेंसियल कंडीशन का ऑनगोइंग रिकॉर्ड देते हैं। इनका उपयोग मार्केट एनालिस्ट और निवेशकों द्वारा कंपनी की फाइनेंसियल सुदृढ़ता और ग्रोथ पोटेंशियल का इवैल्यूएशन करने के लिए किया जाता है।
अब, अंतर पर वापस आते हैं: एक प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट या एक इनकम और एक्सपेंस स्टेटमेंट, बिल्कुल हमारे सेमेस्टर रिजल्ट की तरह, एक विशेष पीरियड के दौरान, आमतौर पर एक राजकोषीय तिमाही का समय या एक वर्ष के दौरान, होने वाली इनकम और एक्सपेंसेस को संक्षेप में दर्शाता है।
दूसरी ओर, बैलेंस शीट एक सटीक समय पर एक बिज़नेस का स्नैपशॉट देता है। यह बिल्कुल हमारे वार्षिक रिजल्ट की तरह, रिपोर्टिंग पीरियड के अंतिम दिन एक कंपनी को उसके एसेट और लायबिलिटी की पोजीशन जानने में मदद करती है׀ प्रॉफिट और लॉस अकाउंट, प्रॉफिट उत्पन्न करने के लिए रेवेन्यु बढ़ाकर, या लागत कम करके या दोनों काम करके कंपनी की समर्थता या असमर्थता के बारे में जानकारी देता है׀
बैलेंस शीट इस बारे में जानकारी देती है कि किसी कंपनी ने अपने एसेट के लिए कितने धन का उपयोग किया है, और लायबिलिटी के रूप में कितना बकाया है, और जब आप इन दोनों को एक साथ जोड़ते हैं तो कंपनी के पास क्या बचता है׀
तो, एक प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट आपको कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कामकाज का डाटा देता है, जबकि बैलेंस शीट आपको कंपनी के दिन-प्रतिदिन के कामकाज के संयुक्त प्रभाव की वार्षिक रिपोर्ट देती है׀
इसीलिए, एक निवेशक के दृष्टिकोण से, प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट निवेशकों को कंपनी की फाइनेंसियल प्रोग्रेस के बारे में सूचित करता है, और बैलेंस शीट निवेशकों को कंपनी की फाइनेंसियल पोजीशन के बारे में बताती है׀ इसीलिए, जब आप किसी कंपनी को निवेश के लिए एनालाइज कर रहे हैं, तो कंपनी की बिज़नेस प्रोग्रेस और पोजीशन दोनों को चेक करें׀ कंपनी के वास्तविक ग्रोथ पैटर्न के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी पाने के लिए पांच वर्ष या दस वर्ष के लिए तुलना करने की कोशिश करें क्योंकि शेयर प्राइस कंपनी के प्रदर्शन की प्रत्यक्ष प्रतिकृति है׀
विडियो देखने के लिए धन्यवाद׀
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बैलेंस शीट
04:56
Chapter 1
बैलेंस शीट से हमे क्या पता चलता है?
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प्रॉफिट एंड लोस्स स्टेटमेंट और बैलेंस शीट
03:40
Chapter 2
प्रॉफिट एंड लोस्स स्टेटमेंट और बैलेंस शीट में क्या अंतर है?
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एक बैलेंस शीट
05:50
Chapter 3
एक बैलेंस शीट को कुशलतापूर्वक कैसे पढ़ें?
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कॅश फ्लो स्टेटमेंट
05:19
Chapter 4
कॅश फ्लो स्टेटमेंट क्या होता है?
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एनुअल रिपोर्ट
05:36
Chapter 5
एक एनुअल रिपोर्ट को कुशलतापूर्वक कैसे पढ़ें?
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टेक्निकल एनालिसिस
05:55
Chapter 6
टेक्निकल एनालिसिस करते समय किन बातों को ध्यान में रखें
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डॉ जोंस थ्योरी
04:39
Chapter 7
डॉ जोंस थ्योरी क्या है ?
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ऑप्शंस ग्रीक्स
05:00
Chapter 8
ऑप्शंस ग्रीक्स का मतलब क्या होता है?
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ऑप्शंस का प्रयोग करके कमोडिटीज में निवेश
03:45
Chapter 9
ऑप्शंस का प्रयोग करके कमोडिटीज में कैसे निवेश करें?