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Key Learnings:Basics of Stock MarketFinancial MarketSecrets of Derivative
Chapter 4
महत्पूर्ण बातें जो आपको डीमैटअकाउंट के बारे में पता होनी चाहिए

ट्रैडींग अकाउंट क्या है?
सभी ट्रैडींग गतिविधि ट्रैडींग अकाउंट के जरिएं होती है। वह डीमैट अकाउंट और बैंक के बीच में मध्यस्थी का काम करता है।
उदाहरण के रूप में, अगर हमें 1 लाख की किमत के शेयर खरीदने है, तो हमें खरीदने का आदेश देने के लिए वह किंमत अपने बैंक अकाउंट से ट्रैडींग अकाउंट में ट्रान्सफर करनी होंगी।
बैंक अकाउंट जैसे हम सबको पता है जहां पर हम हमारा पैसा सुरक्षित रूप से जमा कर सकते है या निकाल सकते है।
तो अभी आइए देखते है यह अकाउंटो के बीच की भिन्नता:
1. कार्य के आधार पर:
चलिए इस पोईन्ट को उदाहरण के तौर पर समज़ते है:
सोचिएं की हमें XYZ कंपनी के प्रति 10 रूपए वाले 100 शेयर खरीदने है। जो सबसे पहले, हमें 1000 रूपए हमारें बैंक अकाउंट से अपने ट्रैडींग अकाउंट में ट्रान्सफर करने होंगे। जब हम 100 शेयर खरीदने का आदेश देंगे, तब 1000 रूपए (100*100) हमारे अकाउंट से डेबिट होंगे और दो कार्यकारी दिवस के बाद, शेयर अपने डीमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाएंगे।
थोडे दिनों बाद, हमें यह शेयर 12 रूपए में बेचने है। तो बेचने का आदेश देने के बाद 1200 रूपए (100*12) हमारे ट्रैडींग अकाउंट में क्रैडिट हो जाएंगे और शेयर हमारें डीमैट अकाउंट से डेबिट हो जाएंगे।
2. प्रकृति के आधार पर:
ट्रैडींग अकाउंट डीमैट अकाउंट और बैंक अकाउंट के बीच मध्यस्थी का काम करता है जहाँ पर डीमैट अकाउंट बैंक अकाउंट जैसा ही है, पैसो की ज़गह पर शेयर रखे जाते है।
3. कार्यात्मक्ता के आधार पर:
डीमैट अकाउंट का उपयोग हमारे स्टोक को आधुनिकीकरण के रूप में रखता है और ट्रैडींग अकाउंट का उपयोग खरीदने और बैचने के लिए होता है।
इसलिए, पहले हमें अपने बैंक अकाउंट में पैसे ज़मा की ज़रूर होती है। खरीदने का आदेश देने के लिए हमें फंड को बैंक अकाउंट से ट्रैडींग अकाउंट में ट्रान्सफर करनें की जरूर होती है। हमारे ट्रैडींग अकाउंट से शेयर खरीदने के बाद, शेयर अपने डीमैट अकाउंट में डिजिटल रूप से ज़मा होते है।
चलिए अभी डीमैट अकाउंट खोलने की प्रक्रिया की चर्चा करते है:
यहाँ पर डीमैट अकाउंट खोलने के लिए चरण है:
– जानते है और पसंद करते है डिपोज़िटरी सहभागी ( DP):
भारतमें दो डिपोज़िटरी सहभागी है, नैशनल सिक्यूरिटिझ डिपोज़िटरी लिमीटेड. (NSDL) और सैन्ट्रल सिक्यूरिटिझ डिपोज़िटरी लिमीटेड (CSDL) जो SEBI द्वारा नियंत्रीत है।
यह डिपोज़िटरी अपनी सिक्यूरीटीझ को डीमैट के रूप में रखती है और डीमैट अकाउंट से अन्य अकाउंट में सिक्यूरिटीझ के ट्रान्झेक्शन को सरल करने में मदद करती है।
ब्रौकर कोका NSDL या तो CSDL दो में से एक DP के पास पंजीकृत होना चाहिएं।
इसलिए, ट्रैडर को किस DP के पास, उसे अकाउंट खोलना है वह पसंद करना चाहिएं और बाद में ब्रौकरेज शुल्क के हिसाब से ब्रौकर पसंद करना चाहिए।
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए, नीचे के दस्तावेज़ो की आवश्यकता होती है:
. PAN कार्ड
. पता और पहचान पत्र जैसे की वॉटर आईडी, पासपोर्ट, इलेक्ट्रिसीटी बिल, आधार कार्ड इत्यादि।
. ब्रौकर द्वारा दिया गया फोर्म
डिज़िटल रूप से अकाउंट खोलने के लिए:
इन दिनों में घर पर बैठ कर ही कोई भी डीमैट अकाउंट खोल सकता है। आपको सिर्फ स्टोक ब्रौकर द्वारा वेरीफाई की हुई स्टोक ब्रौकर वेब साईट में दिए हुए फोर्म में अपना पेन कार्ड, जन्म तारिख और आधार नंबर की विगत को भरना है और अपलोड करना है। आपको ट्रान्झेक्शन करने के लिए बैंक डिटेल देनी भी जरूरी है।
डिटेल भरने के बाद, डिज़िटल हस्ताक्षर किए हुए फोर्म का निरीक्षण करें और फिर सबमिट बटन पर क्लिक करें।
प्राक़तिक रूप से अकाउंट खोलने के लिए:
अगर आपके पास इंटरनेट नहीं है तो, आप आपके नज़दिकी स्टोक ब्रौकरेज फर्म के पास जाकर दस्तावेज़ सबमिट कर सकते है।
डीमैट अकाउंट को सेट करने के लिए:
जब आप आपने DP करार के साथ सभी दस्तावेज़ सबमिट कर देते है, आपका डीमैट अकाउंट खुलने के लिए तैयार है। ब्रौकर आपको नोमिनेशन की विगत के लिए पूछेगा।
साइन इन करने के बाद आपको आपका 16 अंकवाला डीमैट अकाउंट नंबर मिलेगा।
शेयर जो आप खरीदेंगे वह आपके डीमैट अकाउंट में क्रैडिट हो जाएंगे और जब आप शेयर बेचोगे, वह आपके अकाउंट से डेबिट हो जाएंगे।
एक व्यक्ति के पास अलग अलग 2-3 अकाउंट, अलग अलग ब्रौकर के पास से हो सकते है। दस्तावेज सबमिट करने से पहले निश्चित कर लिजिएं के उस पर आपके हस्ताक्षर हो। फोर्म में भरी हुई विगत आपके पहचान पत्र की विगत के बराबर होनी चाहिए। अगर आपके पास कागदि (भौतिक) रूप में शेयर हो तो उसे आधुनिकीकरण में ब्रौकर के पास से एक फोर्म लेकर भरकर करवा लें।
वीडियो देखने के लिए धन्यवाद!
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